कोविड ने छीना पिता का साया, अब क्रिकेट के मैदान पर पूरा कर रहे 17 वर्षीय वंश अपने पिता का सपना
हाल ही में डीडीसीए लीग के तहत जड़ा अपना दूसरा दोहरा शतक, बनाए नाबाद 265 रन
नई दिल्ली।
चार साल पहले जब कोविड ने उनके पिता को छीन लिया, तब करीब 14 साल के वंश आनंद मानो सुन्न हो गए थे। हर तरफ उदासी छाई थी और वो कुछ सोच पाने की हालत में नहीं थे। आज वही वंश आनंद डीडीसीए लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। हाल ही में थ्री स्टार क्लब के लिए बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ एलीट डिवीजन मैच में उन्होंने नाबाद 265 रन बनाए। 138 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 31 चौके और आठ छक्के जड़े।
वंश ने बताया, "यह इस सीजन का उनका दूसरा दोहरा शतक है। इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के खिलाफ नाबाद 220 रन बनाए थे।" अब वंश के चार मैचों में 635 रन हो गए हैं और उनका औसत 317.5 का है।
17 साल के वंश, जो राजिंदर नगर के जेडी टाइटलर स्कूल में पढ़ते हैं और साकेत स्थित दिल्ली कैपिटल्स ज्ञान भारती स्कूल में कोच गोकुल कौशिक के पास ट्रेनिंग करते हैं, ने बताया, "जब मैं पांच साल का था, पापा ने मुझे शिवाजी कॉलेज में प्लेयर्स एकेडमी में गोकुल कौशिक सर के पास डाल दिया। पापा ने मेरी क्रिकेट में बहुत मदद की। वह शुरू से ही मुझे एक अच्छा क्रिकेटर बनाना चाहते थे। अब जब मैने खेलना शुरू किया है तो वो अब मेरे साथ नहीं है लेकिन मैं उनका सपना पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं। पिछले 2-3 साल से मैं ज्ञान भारती स्कूल में ट्रेनिंग ले रहा हूं।"
बता दें कि वंश के पिता की कोविड के दौरान 43 साल की उम्र में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद मोती नगर स्थित उनकी ज्वेलरी शॉप की जिम्मेदारी वंश की मां और दादा जी ने संभाल ली। यह दुकान वंश के दादा जी ने बंटवारे के बाद रावलपिंडी से दिल्ली आने के बाद शुरू की थी।
वंश के आदर्श विराट कोहली और केएल राहुल हैं। वंश का कहना है कि, "मुझे उनका खेल को अंत तक ले जाने का तरीका पसंद है। उनका धैर्य, सोचने का तरीका और दबाव में स्थिति को संभालने की कला मुझे बहुत प्रभावित करती है। साथ ही, वे पारी को कैसे बनाते हैं, यह भी सीखने लायक है।"
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