दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ते ही टकरा जाते दो विमान, 28 साल पुरानी एक टेक्नोलॉजी बनी मददगार
28 साल पहले एक हादसे के बाद लगाई गई थी यह टेक्नोलॉजी
नई दिल्ली।
आईजीआई एयरपोर्ट से उड़े दो विमान आपस में टकराने से बाल-बाल बच गए। उड़ान के कुछ सेकेंड्स के बाद विमान एक-दूसरे के बेहद नजदीक आ गए थे। घटना नवंबर की है और अब इसकी प्राथमिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक विमान के गलत दिशा में मुड़ जाने की वजह से ऐसा हुआ।
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि एक विमान के गलत दिशा में मुड़ जाने की वजह से यह दूसरे रनवे से उड़े विमान के ठीक सामने आ गया था। गनीमत रही कि ट्रैफिक अलर्ट और कोलिजन अवॉइडेन्स सिस्टम (TCAS) अलर्ट की वजह से दोनों विमान के पायलट सतर्क हो गए और बड़ा हादसा टल गया।
17 नवंबर 2023 को विमान संख्या 6E-2113 को हैदराबाद और 6E-2206 ने रायपुर के लिए टेकऑफ किया। 6E-2113 को रनवे नंबर 27 से उड़ान की इजाजत मिली और 12:31 पर इसने टेकऑफ किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने ATC से संपर्क किया जिसने 8 हजार फीट की उंचाई तक जाने को कहा। हालांकि इसने निर्धारित दिशा से अलग बाएं मुड़ना शुरू कर दिया, जोकि रनवे 29R का रूट था। उसी समय 6E-2206 को रनवे 29R से उड़ान की इजाजत मिली थी। यह चार हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंच चुकी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 6E-2206 को एटीसी ने 4 हजार फीट तक जाने को कहा था। इस दौरान दोनों ही विमानों को 12.31.43 बजे TCAS-RA अलर्ट मिला। गनीमत रही कि टेक्नॉलजी की मदद से दोनों विमानों के बीच टक्कर नहीं हुई। दोनों ही विमानों में सवार किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
349 लोगों की मौत के बाद लगा था यह सिस्टम
जिस टेक्नॉलजी ने दोनों विमानों की टक्कर टाल दी उसे 12 नवंबर 1996 को हुए भयानक हादसे के बाद अनिवार्य किया गया था। दिल्ली के पास चरखी दादरी में दो विमानों में टक्कर से 349 लोगों की मौत हो गई थी। सऊदी और कजाखिस्तान के दो विमानों ने आईजीआई एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और इसके बाद दोनों टकरा गए थे।
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