FSDA का छापा, 21 क्विंटल नकली आलू किया जब्त, खाने से कैंसर का खतरा, FSSAI ने दिए खुद जांच करने के टिप्स
FSDA का छापा, 21 क्विंटल नकली आलू किया जब्त, खाने से कैंसर का खतरा, FSSAI ने दिए खुद जांच करने के टिप्स
नई दिल्ली।
आलू ऐसी सब्जी है जो हर घर में थाली की शोभा बढ़ाती है। सोचो अगर वह भी नकली आने लगे तो! जी हां, अब आलू भी मार्केट में नकली आ रहा है। इससे आपको कैंसर का खतरा हो सकता है। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एड्मिनिस्ट्रेशन (FSDA) की एक टीम ने बलिया के अंदर 21 क्विंटल नकली आलू जब्त किया है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां सफेद आलू को लाल रंग से डाई करके ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा था। जो सेहत के लिहाज से काफी बुरा हो सकता है।
बता दें कि आलू का इस्तेमाल हर घर में होता है। इसे सब्जी, चिप्स, पापड़, समोसा और न जाने कितने पकवान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। कारोबारी इससे मुनाफा कमाने के लिए केमिकल से जल्दी पकाकर या कलर करके ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। यह नकली आलू और हानिकारक कलर सेहत के लिए बहुत खराब हो सकता है और कैंसर का कारण भी बन सकता है।
सब्जियों को कलर करने के लिए हानिकारक केमिकल इस्तेमाल होते हैं। इनका सेवन आपकी बॉडी सेल्स को खराब कर देता है और बहुत ज्यादा बीमार बना सकता है। नकली आलू को हाथ में लेते ही पहचाना जा सकता है, इसके लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( FSSAI) ने टिप्स जारी किए हैं।
केमिकल से पका आलू खाने का असर
FSSAI के अनुसार फल-सब्जी को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है। इस केमिकल को एसिटिलीन गैस या मसाला भी कहा जाता है। कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस होते हैं, जो उल्टी, डायरिया, खूनी दस्ती, सीने में जलन, पेट में जलन, अत्यधिक प्यास या कमजोरी कर सकते हैं। इसलिए वह इस केमिकल को बैन कर रहा है।
आर्सेनिक से कैंसर का खतरा
कैल्शियम कार्बाइड के अंदर मौजूद आर्सेनिक कैंसर का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि इसका लंबे समय तक संपर्क रहने से ब्लैडर और फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। हालांकि यह दूसरे कैंसर भी कर सकता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार अगर आर्सेनिक पीने के पानी के अंदर मौजूद है तो भी कैंसर हो सकता है।
लाल डाई से रंगी जाती हैं सब्जियां
रिपोर्ट के मुताबिक आलू को लाल डाई से रंगा जा रहा था। इसके लिए अक्सर Red 40 नाम की डाई का इस्तेमाल होता है। कुछ रिसर्च कहती हैं कि इसके कण शरीर के अंदर जाकर बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर करने वाले कार्सिजेनिक माने जाते हैं।
FSSAI ने नकली आलू की पहचान को दिए हैं टिप्स
FSSAI ने कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए फूड्स को पहचानने का तरीका बताया है। अगर आलू की स्किन पर काले धब्बे या असामान्य रंगत है तो यह केमिकल से पका हो सकता है, इसे खरीदना नहीं चाहिए। क्योंकि ऐसे धब्बे कैल्शियम कार्बाइड की वजह से बनते हैं। हरी रंगत या गंध छोड़ने वाले आलू भी नहीं खरीदने चाहिए।
नकली रंग को ऐसे पहचानें
अगर आलू पर नकली रंग चढ़ाया गया है तो उसका भी एक तरीका बताया गया है। आलू खरीदते हुए आलू को हाथों से मसलें, अगर यह किसी तरह का रंग छोड़ता है तो यह नकली हो सकता है। इसके अलावा, आलू को एक कटोरा पानी में कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसे हाथों से घिसें और रंग की जांच करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता।
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