SGFI और CBSE की तंग तारीखों से एथलीटों का करियर खतरे में, शिक्षा निदेशालय से बदलाव की मांग
नई दिल्ली।
हरियाणा के एथलेटिक खिलाड़ियों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) की गर्ल्स स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप 8 से 10 सितंबर को फरीदाबाद में होनी है। वहीं, CBSE नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप 10 से 13 सितंबर तक वाराणसी में तय है। दोनों प्रतियोगिताओं की तारीखें एक-दूसरे से टकरा रही हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को मजबूरी में एक ही चैंपियनशिप चुननी होगी। इससे उनके करियर पर सीधा असर पड़ेगा।
खिलाड़ी पूरे साल तैयारी करते हैं, पर मौका छिन रहा है
एथलेटिक्स हरियाणा के खेल विशेषज्ञों का कहना है कि एक एथलीट पूरे साल मेहनत करता है, रोज घंटों अभ्यास करता है, ताकि स्टेट और नेशनल चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन कर सके। लेकिन अगर उसे दोनों में से एक छोड़नी पड़े, तो उसका मनोबल टूट जाता है। शारीरिक मेहनत के साथ-साथ मानसिक और आर्थिक नुकसान भी होता है।
नीरज और अनु जैसे खिलाड़ी कहां से आएंगे?
फरीदाबाद के खेल विशेषज्ञों का कहना है कि आज भारत के पास नीरज चोपड़ा जैसे ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हैं, अनु रानी जैसी स्टार एथलीट हैं। लेकिन अगर स्कूल लेवल पर खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलेगा, तो ऐसे चैंपियन कैसे निकलेंगे? अगर तारीखों में बदलाव नहीं हुआ, तो कई टैलेंटेड बच्चे पीछे रह जाएंगे। इससे न केवल उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता प्रभावित होगी, बल्कि उनका मनोबल, आर्थिक रूप से खर्च और शैक्षणिक समय में भी भारी नुकसान होगा।
क्या चाहते हैं खिलाड़ी और कोच?
हरियाणा के एथलीटों और कोचों का कहना है कि खिलाड़ियों के भविष्य के लिए जरूरी है कि SGFI की स्टेट चैंपियनशिप की तारीख आगे बढ़ाई जाए, ताकि वे दोनों टूर्नामेंट में खेल सकें। शिक्षा निदेशालय और खेल विभाग को खिलाड़ियों की बात सुननी चाहिए और CBSE नेशनल के बाद स्टेट चैंपियनशिप करानी चाहिए। अगर बच्चों को दोनों प्रतियोगिताओं में मौका नहीं मिला, तो हरियाणा कई उभरते सितारों से वंचित रह जाएगा। समय रहते निर्णय लेना जरूरी है। और खिलाड़ियों की भी यही मांग है। इससे एथलीटों को खेल और पढ़ाई दोनों में उचित संतुलन बनाकर भविष्य की ओर अग्रसर होने का भरोसा मिलेगा।
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